का दोलन, अथवा उच्च आवृत्तिवाले संकेतों की परमाणुओं की मूलअवस्था की अतिसूक्ष्म संरचना (
2.
↑ ब्युह्लर, एम.जे., “प्रकृति द्वारा मज़बूत कोलेजन डिजाइन: कोलेजन तंतुओं की अतिसूक्ष्म संरचना की व्याख्या”.
3.
अधिकतर घड़ियों में नियमित रूप से आवर्तक (recurring) क्रियाएँ उत्पन्न करने की स्वयंचालित व्यवस्था होती है, जैसे लोलक का दोलन, सर्पिल कमानियों (spiral springs) तथा संतुलन चक्रों (balancewheels) को दोलन, दाबविद्युत् मणिभों (piezo-electric crystals) का दोलन, अथवा उच्च आवृत्तिवाले संकेतों की परमाणुओं की मूलअवस्था की अतिसूक्ष्म संरचना (hyperfine structure) से तुलना इत्यादि।